भाजपा ने गंभीरता से नहीं लिया बीरेंद्र सिंह डूमरखां की धमकियों को
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भाजपा ने गंभीरता से नहीं लिया बीरेंद्र सिंह डूमरखां की धमकियों को

Birendra Singh Doomarkhan's threats

Birendra Singh Doomarkhan's threats

बेटे का भविष्य संवारने को करवाई कांग्रेस में एंट्री
दुष्यंत की उचाना सीट भी बनी भाजपा से दूरी का मुख्य कारण

चंडीगढ़। Birendra Singh Doomarkhan's threats: कई दशकों तक कांग्रेस में रहने के बाद भाजपा का दामन थामने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह डूमरखां ने आज एक बार फिर से हरियाणा की राजनीति में मोड़ ले लिया है। बीरेंद्र सिंह खुद को फ्रंट पर नहीं आए लेकिन बेटे बृजेंद्र की कांग्रेस में एंट्री करवा दी है। बीरेंद्र सिंह ने उचाना विधानसभा सीट से चुनाव लडऩे को लेकर अपनी प्रतिष्ठा दांव पर लगा रखी है। वह कई अवसरों पर भाजपा हाईकमान को इस बारे में संकेत दे चुके थे। बीरेंद्र सिंह भाजपा-जजपा गठबंधन के पक्ष में नहीं हैं। बीरेंद्र सिंह की राजनीतिक धमकियों को भाजपा के प्रदेश व केंद्रीय नेतृत्व ने कभी गंभीरता से नहीं लिया।

उचाना से बीरेंद्र सिंह की पत्नी प्रेमलता भाजपा के टिकट पर विधायक रह चुकी है, जबकि स्वयं बीरेंद्र सिंह कांग्रेस के टिकट पर एमएलए बन चुके हैं। जेजेपी नेता दुष्यंत चौटाला उचाना से विधायक हैं। इस सीट पर विधानसभा चुनाव लडऩे को लेकर ही दुष्यंत और बीरेंद्र के बीच राजनीतिक तकरार बढ़ी थी। अपने व बेटे बृजेंद्र सिंह के राजनीतिक भविष्य को सुरक्षित करने के लिए बीरेंद्र सिंह ने यह सारा खेल रचा है।

दो दिन पहले बीरेंद्र सिंह दावा कर रहे थे कि दुष्यंत चौटाला की पार्टी का गठबंधन टूटेगा और वह जींद जिले की उचाना सीट से चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। इसके बाद दुष्यंत चौटाला का बयान आया कि हमारा गठबंधन भी रहेगा और मैं उचाना से चुनाव भी लडूंगा। अब बीरेंद्र सिंह को भाजपा छोडऩे की तैयारी कर लेनी चाहिए। दोनों की इस जंग में दुष्यंत चौटाला अपने विरोधी बीरेंद्र सिंह पर भारी पड़े हैं।

तय थी बृजेंद्र की हिसार से टिकट कटनी

हिसार के सांसद बृजेंद्र सिंह लोकसभा का टिकट कटने की आहट मिलते ही भाजपा छोडक़र कांग्रेस में शामिल हो गए हैं। बृजेंद्र सिंह के पिता पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह ने अभी भाजपा छोडऩे का फैसला नहीं लिया। फिलहाल वह भाजपा में बने रहेंगे, लेकिन उन्होंने संकेत दिया कि अपने समर्थकों से राय करने के बाद वे कोई फैसला लेंगे। पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह के पुत्र बृजेंद्र सिंह ने 2019 में आइएएस की 19 साल पुरानी नौकरी छोडक़र भाजपा की सदस्यता ली थी। बृजेंद्र सिंह के पिता तब मोदी सरकार में कैबिनेट मंत्री थे। उन्होंने अपने बेटे को राजनीति में स्थापित करने के लिए एक तरह से चुनावी राजनीति से संन्यास लिया था। तब वह राज्यसभा के सदस्य थे।

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